दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर निर्माण से आक्रोश में केदारघाटी

उन्होंने कहा कि एक तरफ केदारनाथ विधायक स्वर्गीय शैलारानी रावत का पार्थिव शरीर उनके घर नहीं पहुंचा तथा दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली में केदारनाथ मन्दिर का शिलान्यास करना समझ से परे है।

बुराड़ी में सीएम धामी ने किया मंदिर निर्माण का शिलान्यास,
आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों ने लगाये धामी सरकार के खिलाफ नारे,
मामले में धामी सरकार से मांगा स्पष्टीकरण,
गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति करने का भी लगाया आरोप,
रुद्रप्रयाग। दिल्ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज एवं केदारघाटी की जनता में आक्रोश पनप गया है। उनका कहना है कि दिवंगत केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के देहरादून में निधन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उन्हें श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद सीधे दिल्ली गए और उन्होंने वहां केदारनाथ मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया। केदारनाथ विधायक के अंतिम संस्कार से पहले इस तरह से केदारनाथ मंदिर का शिलान्यस करना, यह किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है। आक्रोशित तीर्थ पुरोहित समाज एवं स्थानीय लोगांें ने शुक्रवार को ऊखीमठ में सीएम धामी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मामले में जल्द स्पष्टीकरण देने की मांग की। साथ ही सीएम धामी पर गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
दरअसल, श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली की ओर से गत् 10 जुलाई को बुराड़ी दिल्ली में केदारनाथ धाम भूमि पूजन समारोह का आयोजन किया गया। जिस दिन यह आयोजन हुआ, उसी दिन केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का भी निधन हुआ। ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पहले दिवंगत विधायक शैलारानी को देहरादून में श्रद्धांजलि दी और फिर इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए। यहां उन्होंने श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली की ओर से बनाए जा रहे केदारनाथ धाम निर्माण को लेकर आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया। देहरादून में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कुछ तीर्थ पुरोहित भी मौजूद थे तो उन्होंने सीएम को दिल्ली के लिए निकलते हुए देखा। जब तीर्थ पुरोहित केदारघाटी पहुंचे तो उन्होंने पूरी जानकारी तीर्थ पुरोहित समाज और केदारघाटी की जनता को दी। जिसके बाद से तीर्थ पुरोहित समाज और केदारघाटी की जनता में दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाये जाने को लेकर आक्रोश बना हुआ है।
चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ विधायक की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार होने से पहले ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली जाकर केदारनाथ धाम निर्माण को लेकर शिलान्यास किया। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि केदारनाथ क्षेत्र की विधायक की मौत के दिन ही दिल्ली में मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया गया। केदारनाथ धाम से शिला को ले जाकर दिल्ली में स्थापित करके सीएम धामी ने धाम की परम्परा के साथ खिलवाड़ किया है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल के छः माह की अवधि में लाखों तीर्थ यात्रियों के केदारनाथ धाम आने से हजारों युवाओं की रोजी-रोटी यात्रा पर निर्भर रहती है तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्थानीय युवाओं की रोजी-रोटी के साथ खिलवाड़ करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केदारनाथ विधायक स्वर्गीय शैलारानी रावत का पार्थिव शरीर उनके घर नहीं पहुंचा तथा दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली में केदारनाथ मन्दिर का शिलान्यास करना समझ से परे है।
केदारघाटी की जनता जहां दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर निर्माण को लेकर आक्रोश मंें है, वहीं उन्होंने सीएम धामी पर गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। वन पंचायत सरपंच पवन राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी गढ़वाल क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रहे हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा में पंजीकरण की अनिवार्यता करके हजारों तीर्थयात्रियों को कुमाऊं के धामों में भेजा गया। इससे केदारनाथ धाम की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के लोगों के रोजगार को लेकर सरकार ने कोई भी ठोस प्रयास नहीं किए हैं, जो रोजगार केदारनाथ धाम की वजह से है, उसे भी छिनने का प्रयास किया जा रहा है। केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेवजह कुमाऊं के मठ-मंदिरों में भेजा जा रहा है, जिससे गढ़वाल क्षेत्र के लोगों का रोजगार ठप हो गया है। प्रधान कविल्ठा अरविन्द राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिल्ली में केदारनाथ मन्दिर का शिलान्यास करने से स्पष्ट हो गया है कि करोड़ों हिन्दुओ की आस्था व विश्वास पर गहरा आघात पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। निर्वतमान सभासद रवीन्द्र रावत ने कहा कि मामले में मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार द्वारा स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो केदारनाथ घाटी के जनमानस को प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ लामबंद होने के लिए विवश होना पडे़गा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी  शासन प्रशासन की होगी। इस मौके पर गोविन्द पुष्वाण, प्रदीप नेगी, गोविन्द पंवार, रणजीत सिंह, भारत भूषण, जगदीश नेगी, देवेन्द्र सहित कई व्यापारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

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